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लेखनी प्रतियोगिता-संस्कार-13-May-2023

संस्कार 

आधुनिकता कि दौड़ में संस्कार न बिसराए
नवीन को अपनाएं पुराने को भी जाने
भटकाने वाले बहुत मिलेंगे
अपने विवेक का भान रखे
प्रोफेशनल ऑफिस में रहे
घर को मन्दिर समझे
मात पिता अग्रज है प्रभु तुल्य
संस्कारों कि गांठ बांध कर
गोता लगाए ईस संसार में
आज परिवार टूट रहे
संतोष, संस्कार के अभाव में
संसार के निर्माता माने युवा अपने को
युवा अपने जीवन को सफल करे
देश समाज का नवनिर्वाण करे 

✍️ विजय पोखरणा "यस"
💐💐🙏 HBU EXTN, 
AJMER (Raj)
         9530399703         
Director of Modulus Academy
Committed towards excellent education and Consultant for Higher study in Abroad at renowned foreign universities and colleges 🙏💐💐

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3 Comments

madhura

14-May-2023 01:36 PM

very nice sir

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बहुत खूब

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Punam verma

14-May-2023 06:51 AM

Very nice

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